किसी बड़े पात्र में स्फटिक शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...
प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान के बाद किसी बड़े पात्र में नर्मदेश्वर शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.
वैदिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है। ब्रह्मचारी महाराज के अनुसार हिंदू धर्म के रूद्रसंहिता, शिवपुराण, ब्रह्मपुराण, वायवीय संहिता, ब्रह्मवैवर्तपुराण आदि कई ऐसे ग्रंथ हैं, जिनमें पारद के शिवलिंग की महिमा का उल्लेख मिलता है। सौभाग्य बढ़ाने वाले पारद शिवलिंग का पूजन हमेशा श्रेष्ठ होता है यहां क्लिक करके पढ़िए- पारद के शिवलिंग को चमत्कारी क्यों माना जाता है।
भाजपच्या राष्ट्रीय अध्यक्षपदी महाराष्ट्राच्या 'या' नेत्याची वर्णी लागणार?
..तर सरकार नाशिक-मुंबई महामार्गावरील टोल बंद करणार? वायनाडमध्ये एवढ्या मोठ्या विध्वंसाचे कारण काय? आपलं कुठं चुकतंय? पूजा खेडकर पुरत्या घेरल्या गेल्या, अटकेची टांगती तलवार
तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
शक्ति का महत्त्व और उसकी आराधना कैसे की जाती हे
तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता.
नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने की विधि:
भगवान विष्णु ने भी शिवलिंग की उपासना करके भगवान शिव से अनेक शक्तिया प्राप्त की और राक्षसों का अंत किया था
या व्यक्तींच्या आयुष्यात कधीही कोणत्याही गोष्टीची get more info कमतरता भासत नाही.
जहरीला होने के कारण पारे को अष्ट संस्कार करके ही शिवलिंग निर्माण किया जाता है